ब्रह्माकुमारीज् के हुडकेश्वर स्थित ज्ञानदिप भवन का उदघाटन

नागपुर 14.11.2020 – आज ज्ञानदिप भवन का दिनांक 13/11/2020 धनतेरस के पावन दिन पर उदघाटन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डिसीपी क्राइम ब्रांच के भ्राता श्री राजमाने जी और हुडकेश्वर थाने के इन्स्पेक्टर भोसले जी भी पहुँचे थे। कार्यक्रम की शुरूवात दिप प्रज्वलन से की गई। हुडकेश्वर सेंटर प्रमुख मंजु दीदी ने सबसे पहले मंच पर उपस्थित अतिथीयों का स्वागत किया। उन्होंने कहा की दीपराज निराकार परमपिता शिव परमात्मा जिसकी प्रेरणा से अनेको जगह जो भी सेंटर कार्यरत है यAह स्थापित हुए है और उन्ही के संकल्पना से यहा भी यह छोटासा मकान बना है, जहां पर निरंतर कई आत्माओं को ज्ञान और योग की शिक्षा मिलेगी। परमपिता परमात्मा का दिल से बहुत स्वागत करती हूँ। उन्होंने पूर्व विदर्भ सब झोन प्रमुख पुष्पाराणी दीदीजी और राजयोगीनी सावित्री दीदीजी को भी याद किया। उनकी तपस्या की खुशबू चारो ओर फैली है उसी का स्वरुप यह सेंटर है। उनकी संकल्पना बहुत पहलेही जन्म ले चुकी थी जो आज हम साकार रुप में देख रहे है। उन्होेंने वर्तमान समय प्रमाण रजनी दीदी और मनीषा दीदी जी को ज्ञान और योग का संगम है, ममतामयी रजनी दीदी और मनिषा दीदी का सहर्ष दिल से स्वागत किया। भ्राता श्री रविंद्र भाई (भूमीदाता) का भी स्वागत करते उन्हें धन्यवाद देते कहा की उन्हो के पास तन-मन-धन जो भी था सर्वस्व अर्पण किया। आदरणीय रजनी दीदी ने कहां कि, प्रजापिता ब्रहमाकुमारी विश्वविद्यालय की एक प्राॅपर्टी जो ईश्वर अर्थ समर्पण हुई आज उसका उदघाटन हम सभी ने मिलकर किया। इस समय डिसीपी राजमानेजी और अमृताजी, सुशील अग्रवाल, प्रेमप्रकाशभाई, रविन्द्रभाई आदि उपस्थित थे। दिपावली का दुसरा दिन धनतेरस, आज हर कोई एक दुसरे को धन की कामना कर रहा है इस कोरोना काल में स्वास्थ की भी कामना कर रहा है। दीदीने कहा स्वास्थ है तो धन भी काम आता है। स्वास्थ नही तो धन भी सुख नही दे सकता। इतना सुंदर यह दिपावली का मौका आज का दिन साढे तीन मुहुर्त में एक माना जाता है, आज के दिन कोई तिथी तारीख नही देखी जाती, जो भी कार्य करना चाहते हो बिना किसी तिथी तारिख के, बिना ब्राहमण के कर सकते है। ऐसा यह शुभ मौका धनतेरस का है। हर वास्तू का पूजन विधीवत होता है, भूमी शुध्दीकरन से लेकर के ग्रह प्रवेश, वास्तू शांती, जहा पर वास्तू पूजा के लिए किसी ब्राहमण को नियुक्त किया जाता है और वेद पुरानो के मंत्र उच्चारण के साथ उस विधी से उच्चारण किया जाता है। यह भगवान का चैतन्य मंदिर है, यु तो वास्तू बनाने में सभी जगह एक ही सामुग्री काम में आती है वही गीट्टी, वही सिमेंट, वही रेती, वही लोहा। परंतू एक स्कुल, एक काॅलेज, मंदिर, मंस्जिद, गुरुव्दार, चर्च, न्यायालय, वेश्यालय सब एक ही सामुग्री से बनता है। पर विधी अनुसार हर स्थान का अपना महत्व होता है। जैसे गंगा के घाट का अपनाही महत्व होता है। जिसको हर की पौैडी कहा जाता है। और जिस पौडी पर जाकर मनुष्य स्नान करता है और जन्मजन्मांतर के पापो से मुक्त होने का आनंद लेता है। वैसे ही यह स्थान अनेक मनुष्य आत्माओं को लाभान्वित करेगा। उन्होेंने कहां, ईशू दादी के हाथ से भूमिपूजन हुआ था।
राजमानेजी ने कहां पूरे भारत में दिवाली मनाई जाती है। अभी तो पूरे विश्व को पता चला है इस विश्वविद्यालय में आत्मा की ज्योत जगाई जाती है। यह ज्योत जगती रहे उसके लिए ज्ञान का घृत लेते रहना है। उन्होंने इंस्पेक्टर भोसले जी की सराहना की तथा रविंद्र जी जो की पुलिस डिपार्टमेंट मे कार्यरत है उनकी भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा पोलिस स्टेशन को पी.सी. कहते है पर मुझे लगता प्राब्लम साॅल्वर होना चाहीए। उन्होने कहां हुडकेश्वर थाने में क्राइम कम होगा, और चोरीया भी कम होगी, यहा से पाॅजीटिव्ह वायब्रेशन पूरे एरिया में फैलेंगे। हैदराबाद शांती सरोवर की संचालिका ब्रहमाकुमारी कुलदीप दीदीजी ने सबको मुबारक दी। भ्राता श्री सुशील अग्रवालजी ने सभी को मुबारक दी। अमृता राजमाने बहेनजी ने सबको हॅपी दिवाली कह कर शुभकामनाए दी। सभी भाई-बहनों ने घर बैठे आॅनलाईन यह कार्यक्रम देखा। कार्यक्रम का संचालन महल सेंटर के संचालिका ब्रहमाकुमारी वर्षा दीदी किया।